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हे ज्ञानवान भगवान

सत्य, ज्ञान और करुणा की प्राप्ति के लिए भावपूर्ण आराधना

हे ज्ञानवान भगवान,
हमको भी ज्ञान दे दो,
करुणा के चार छींटे,
करुणा निधान दे दो।।

सुलझा सकें हम अपने,
जीवन की उलझनों को,
प्रज्ञा ऋतम्भरा सी,
बुद्धि का दान दे दो,
करुणा के चार छींटे,
करुणा निधान दे दो,
हे ज्ञानवान भगवान,
हमको भी ज्ञान दे दो।।

अपनी मदद हमेशा,
ख़ुद आप कर सकें,
हम इन बाजुओं में शक्ति,
हे शक्तिमान दे दो,
करुणा के चार छींटे,
करुणा निधान दे दो,
हे ज्ञानवान भगवान,
हमको भी ज्ञान दे दो।।

उपकार भावना से,
निर्भीक सत्य वाणी,
मीठे ही शब्द बोलें,
ऐसी ज़बान दे दो,
करुणा के चार छींटे,
करुणा निधान दे दो,
हे ज्ञानवान भगवान,
हमको भी ज्ञान दे दो।।

दाता तुम्हारे घर में,
किस चीज़ की कमी है,
चाहो तो निर्धनों को,
दौलत की खान दे दो,
करुणा के चार छींटे,
करुणा निधान दे दो,
हे ज्ञानवान भगवान,
हमको भी ज्ञान दे दो।।

तुम देवता हो सबकी,
बिगड़ी बनाने वाले,
जीवन सफल बने जो,
थोड़ा सा ध्यान दे दो,
करुणा के चार छींटे,
करुणा निधान दे दो,
हे ज्ञानवान भगवान,
हमको भी ज्ञान दे दो।।

डर है 'पथिक' तुम्हारा,
रस्ता ना भूल जाएँ,
भक्तों की मण्डली में,
हमको भी स्थान दे दो,
करुणा के चार छींटे,
करुणा निधान दे दो,
हे ज्ञानवान भगवान,
हमको भी ज्ञान दे दो।।

अर्थ

हे ज्ञानवान भगवान, हमको भी ज्ञान दे दो
→ हे भगवान, जो पूर्ण ज्ञान और विवेक से परिपूर्ण हैं, हमें भी ज्ञान और समझदारी प्रदान करें।

करुणा के चार छींटे, करुणा निधान दे दो
→ हमें दूसरों के प्रति दया और करुणा का अनुभव करने की शक्ति दें।

सुलझा सकें हम अपने जीवन की उलझनों को
→ हमारे जीवन की कठिनाइयों और परेशानियों को समझने और हल करने की क्षमता दें।

प्रज्ञा ऋतम्भरा सी, बुद्धि का दान दे दो
→ हमें सत्य और न्याय की समझ देने वाली बुद्धि और विवेक प्रदान करें।

अपनी मदद हमेशा, खुद आप कर सकें
→ हमें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाएं ताकि हम स्वयं अपने जीवन में निर्णय ले सकें।

भक्तों की मंडली में, हमको भी स्थान दे दो
→ हमें धार्मिक और सत्संगों में सहभागी होने और भगवान की भक्ति करने का अवसर दें।

“हे ज्ञानवान भगवान” भजन – विस्तार से अर्थ और समझ

1. भजन का उद्देश्य:
यह भजन आर्य समाज की शिक्षाओं के अनुरूप है। इसका मुख्य उद्देश्य भगवान से ज्ञान, विवेक, करुणा और आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है। इसे केवल भक्ति के लिए नहीं, बल्कि जीवन में सही निर्णय लेने और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा के रूप में गाया जाता है।

2. मुख्य भाव:

  • ज्ञान की प्रार्थना:
    भजन में भक्त भगवान से ज्ञान माँगता है, ताकि वह सही और गलत में अंतर समझ सके।

  • करुणा और दया:
    यह भजन हमें दूसरों के प्रति दयालु बनने और मदद करने की प्रेरणा देता है।

  • सत्य और विवेक:
    भजन में भगवान से बुद्धि और विवेक प्राप्त करने की प्रार्थना की जाती है, ताकि जीवन की उलझनों को सुलझाया जा सके।

  • आत्मनिर्भरता:
    भजन हमें यह भी सिखाता है कि केवल भगवान पर निर्भर न रहें, बल्कि उनके आशीर्वाद से स्वयं भी सक्षम बनें।

  • सत्संग और भक्ति:
    भक्त भगवान से यह भी मांगता है कि उसे धर्म और सत्संग में शामिल होने का अवसर मिले, ताकि जीवन में सही मार्ग का अनुभव हो।

3. भावनात्मक पहलू:

  • भजन में भक्ति और श्रद्धा का भाव स्पष्ट है।
  • यह भजन मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
  • इसमें सकारात्मक जीवन मूल्यों को अपनाने का संदेश छुपा है।

4. सारांश में:

“हे ज्ञानवान भगवान” भजन हमें यह सिखाता है कि:

  • सत्य और ज्ञान का पालन करना।
  • दूसरों के प्रति करुणा और दया दिखाना।
  • अपने जीवन में विवेक और समझ का उपयोग करना।
  • सत्संग और भक्ति के माध्यम से आत्मा को शुद्ध करना।

यदि आप ‘हे ज्ञानवान भगवान’ भजन को पूरी तरह सुनना चाहते हैं, तो आप इसे आसानी से YouTube पर सुन सकते हैं। हमने भजन के बोल भी यहाँ लिखकर दिए हैं ताकि आप साथ में गा सकें या पढ़ सकें। नीचे लिंक पर क्लिक करके ऑडियो/वीडियो का आनंद लें:”

YouTube Link : हे ज्ञानवान भगवान – भजन

।। ओ३म् ।।

Arya samaj Pandit Ji

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